Sunday, May 24

मेरी नज़र, मोदी सरकार के एक साल का सफर

"ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है" में मेरा हमेशा से विश्वास रहा है | मोदी सरकार ने अपनी शुरुआत इसी नीति के साथ की है, हलाकि कोई शासक या उसके शासन का ईमानदार होना, उपलब्धि नहीं है उसका कर्तव्य है | किन्तु रेगिस्तान में जिस तरह पानी की एक बूँद भी महत्वपूर्ण है, उसी तरह बेईमानी के साये से गुजर रहे देश को ईमानदारी की किरण भी प्रासंगिक है । "सेवा के लिए सत्ता " और "सत्ता के लिए सेवा" में केवल शब्दों का हेर फेर नहीं है, एक राष्ट्र निर्माण का कारक है तो दूसरा राष्ट्र के पतन का । सरकारें किसी भी अभियान के लिए नीति बनाती है और वह नीति अपने नियम के अनुसार चलती है परन्तु किसी भी नीति की सफलता, नियम पर कम नियत पर ज्यादा निर्भर करती है | अगर कोई एक साल में सरकार की उपलब्धियों का लेखा जोखा करता है तो शायद मेरे समझ से बेईमानी है, क्योंकि छात्र जीवन में जब किराये का कमरा लेता था, तो उसे रहने लायक बनाने के लिय दो दिनों तक सफाई करनी पड़ती थी । यह तो देश का मामला है, वर्षों से चले आ रहे अव्यवस्था, कुशासन और भ्रष्टाचार को मिटाने में वक्त तो लगता हीं है । सरकार के अच्छे कदमो पर ध्यान दे तो अच्छे दिन की आहट जरूर सुनाई देती है :-
1. स्वच्छ भारत अभियान :-- स्वच्छता का सीधा संबंध राष्ट्र के विकास से है, स्वच्छ वातावरण से स्वस्थ तन और मन का निर्माण होता है। इसी पर स्वस्थ भारत निर्भर करता है । आज कोई सरकार प्रमुखता से इस अभियान को एक आंदोलन में तब्दील करने का प्रयास करती है तो क्या यह देश के लिय अच्छे दिन नहीं है ?
2. कालाधन :-- वर्षो से इस देश का धन विदेशों में जमा किया जा रहा है । आज कोई सरकार इसके लिए कड़ा कानून बनाती है, इसके लिए सबसे पहले एसआईटी गठित करती है । एक ईमानदार सरकार कालेधन के खिलाफ सख्त है तो यह देश के लिय अच्छे दिन नहीं है क्या?
3. मेक इन इंडिया :-- अधिक से अधिक उद्योगपति अपने उद्योग स्थापित करेंगे | हमारी 65 फ़ीसदी जनसंख्या 35 साल से नीचे के लोगों की है. हमारे पास सामर्थ्यवान 'मैन पॉवर' 'है । मेक इन इंडिया का मकसद देश को मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाना है । घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों को मूल रूप से एक अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना ताकि 125 करोड़ की आबादी वाले मजबूत भारत को एक विनिर्माण केंद्र के रूप में परिवर्तित करके रोजगार के अवसर पैदा हों,उम्‍मीद की जाती है कि वर्ष 2020 तक यह दुनिया की सबसे बड़ा उत्‍पादक देश बन जाएगा। तो यह देश के लिय अच्छे दिन नहीं है क्या?
4 . मिशन इंद्रधनुष :- टीकाकरण के लिए मिशन इंद्रधनुष नाम से कार्यक्रम शुरू किया गया | इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाला मिशन इंद्रधनुष का उद्देश्य उन बच्चों का 2020 तक टीकाकरण करना है जिन्हें टीके नहीं लगे हैं या डिफ्थेरिया, बलगम, टिटनस, पोलियो, तपेदिक, खसरा तथा हेपिटाइटिस-बी रोकने जैसे सात टीके आंशिक रूप से लगे हैं। यह कार्यक्रम हर साल 5 प्रतिशत या उससे अधिक बच्चों के पूर्ण टीकाकरण में तेजी से वृद्धि के लिए विशेष अभियानों के जरिए चलाया जाएगा। 300 से अधिक जीवन रक्षक दवाओं को दवा मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाया गया | यह देश के लिय अच्छे दिन नहीं है क्या?
5 . डिजिटल इंडिया :-- यह कार्यक्रम भारत को डिजिटल सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए निर्धारित किया गया है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध हों. इससे सरकारी व प्रशासनिक सेवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के साथ सार्वजनिक जवाबदेही को भी सुनिश्चित करेगा. इससे व्यवस्था पारदर्शी होंगी और जनता की भागीदारी बढ़ेगी । तो यह देश के लिय अच्छे दिन नहीं है क्या?
6. जन धन योजना :--- पीएमजेडीवाय का उद्देश्य भारत के नागरिकों को बुनियादी वित्तीय सेवाएं जैसे बैंक खाते और डेबिट कार्ड मुहैया कराना है । इस योजना से देश के सभी वर्ग के नागरिकों को सरकार के सभी वित्तीय सेवाओं का लाभ मिलेगा । तो यह देश के लिय अच्छे दिन नहीं है क्या?
7. स्वास्थ्य बीमा योजना : ---नई स्कीमों के जरिए अब आम आदमी भी 12 रुपए सालाना प्रीमियम पर दुर्घटना बीमा, 330 रुपए सालाना प्रीमियम पर जीवन बीमा का लाभ ले सकता है। एक सरकार अपने नागरिकों के स्वास्थ्य की गारंटी लेती है तो यह देश के लिय अच्छे दिन नहीं है क्या?
8. नमामि गंगे:--- अगर सरकार नदियों की स्वच्छता को गंभीरता से ले रही है , गंगा की स्वच्छता और अविरलता को पुनः स्थापित करना चाहती है तो यह देश के लिय अच्छे दिन नहीं है क्या?
9. अटल पेंशन योजना :--- अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) कम लागत पर दी जाने वाली पेंशन योजना हैं यह पेंशन असंगठित एवम छोटे क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगो को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने हेतु लॉन्च की गई हैं |अटल पेंशन योजना के जरिए 1,000 रुपए से लेकर 5,000 रुपए प्रति माह पेंशन का लाभ ले सकते हैं। यह 60 साल से अधिक की आयु वाले लोगो के लिए की जाने वाली आर्थिक मदद हैं जिसे वे खुद अपनी जवानी में अर्जित करेंगे |
10. मुद्रा बैंक :--- इस योजना के तहत छोटे उद्यमियों को कम ब्याज दर पर 50 हजार से 10 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा, मुद्रा बैंक छोटे फाइनेंस संस्थानों (माइक्रो फाइनेंस इंस्टिट्यूशन) को री-फाइनेंस करेगा ताकि वे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमियों को कर्ज दे सकें। मुद्रा बैंक के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों को प्राथमिकता पर कर्ज दिए जाएंगे। मुद्रा बैंक देश भर के 5.77 करोड़ छोटी व्यापार इकाइयों की मदद करेगा, जिन्हें अभी बैंक से कर्ज लेने में बहुत मुश्किल होती है। तो यह देश के लिय अच्छे दिन नहीं है क्या?
ऐसी कई सारी योजनाएं जैसे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं,स्मार्ट सिटी योजना, आदर्श ग्राम योजना, गैस सब्सिडी बैंक में जमा करने वाली ’’पहल‘‘ योजना, अल्पसंख्यक कौशल विकास ’’उस्ताद‘‘ योजना आदि से अच्छे दिन की आहट सुनाई देती है । यह शासन की उपलब्धि नहीं, एक निरंतर कर्तव्य है । देश के प्रधानमंत्री जब विदेशों में जाते है, तो उनका स्वागत एक विकसित देश के प्रतिनिधि के रूप में होता है, आज भारत पूरे विश्व के सामने सीना ताने और बांहे फैलाये खड़ा है । जिस देश की सरकार सबका साथ सबका विकास से चल रही हो , मानो उस देश के अच्छे दिन आ गए है । बुरे दिन जरूर आये है कामचोरो और भ्र्ष्टाचारियों के लिए मै पुनः दोहराऊंगा इन सब के पीछे एक ईमानदार सोच और नेक नियत है
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