Monday, March 22

पा ले उसे

सोंच एक डोर है और मन एक पतंग , एक मजूबत डोर से हीं पतंग को अपने वस में रख कर एक लम्बी उड़ान दी जा सकती है . हे पथिक इस मजबूत सोंच से उस मन रूपी पतंग को उड़ान दे और पा ले उसे, जो गगन में तेरा इंतजार कर रहा है.
--- भारतेंदु