मोदी सरकार, 2
साल के सफल सफ़र को पर्व के रूप में मना
रही है, और एक गीत गुनगुना रही है “ मेरा देश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है ....| एक
वो समय था जब नित नए घोटालों से जूझने वाला देश अपने घर में हीं नहीं बाहर भी सर
उठाने की हिम्मत तक न जुटा पता था वही देश अपने विकास को पर्व के रूप में “विकास
पर्व” मना रहा हैं यह गर्व की बात नहीं तो और क्या है ? कुछ लोग प्रश्न करते है कि
प्रत्येक साल यह सरकार विकास की बातें लोगों को क्यों बता रही है ? उन लोगों को
कुछ याद दिलाना चाहता हूँ | आज भारत को एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो लाल किले
के प्राचीर से 125 करोड़ देशवासियों के आँखों में आंखे डाल कर कहता है कि मै आपका
सेवक हूँ एक “प्रधानसेवक” | अगर घर का मालिक अपने सेवक को 2 रुपये भी देता है तो
एक ईमानदार सेवक अपने मालिक को एक – एक रूपए का हिंसाब बताता है | यह प्रधानसेवक
भी वही कर रहा है, अपने लोकतंत्र के 125 करोड़ मालिकों को 2 साल में किये अपने कामो
का हिंसाब दे रहे है | एक ऐसा प्रधानमंत्री जो भारत की संस्कृति और इसकी परंपरा से
भारत को सशक्त करना चाहते है, वो योग के लिए प्रेरित करते है और पूरे विश्व को “योग
दिवस” मनाने के लिए सहमत करते है, वो पाप हरनी माँ गंगा को निर्मल करने का संकल्प
लेते है, वो देश की बागडोर सम्भालते हीं अपने 125 करोड़ मालिकों के स्वस्थ तन- मन
हेतु “स्वच्छ भारत अभियान” का आगाज करते है | सरकार की कई सारी योजनायें है जो
वर्तमान में भविष्य के एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत का दृश्य दिख रही है |
1. युवा और रोजगार:
Ø
मुद्रा योजना : इस योजना के तहत छोटे उद्यमियों को कम ब्याज दर पर 50 हजार से
10 लाख
रुपये तक का कर्ज दिया जाता है | छोटे-छोटे उद्योगों को बैंक से आर्थिक मदद नहीं
मिलती थी क्योंकि वे बैंक के नियमों को पूरा करने में असमर्थ होते थे | इसलिए इस
योजना की शरुआत की गई कि वैसे पढे लिखे युवा जो जीवन में सफलता की उडान भरना चाहते
थे किन्तु आर्थिक समस्याओं के कारण उनके सपने दम तोड़ देते थे, आज यह योजना करोड़ो
युवाओं की शान बन रही है | 1,37,449 करोड़ रूपये का 3.48 करोड़ लोन इस योजना के तहत
दिया गया है | ये वो लोग है जो रोजगार नहीं मांग रहे, वो है जो रोजगार देने की
तैयारी कर रहे है |
Ø स्किल इंडिया : कौशल विकास योजना का
उद्देश्य भारत के युवाओं के कौशल के विकास के लिये उन क्षेत्रों में अवसर प्रदान
करना है जो कई वर्षों से अविकसित है। । प्रधानमंत्रीजी ने कहा था “कौशल
विकास योजना, केवल
जेब में रुपये भरना ऐसा नहीं है, बल्कि
गरीबों के जीवन को आत्मविश्वास से भरना है। इस मिशन
के कुछ मुख्य लाभ है, कौशल विकास योजना के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित करके
भारत में बेरोजगारी की समस्या के निवारण में सहायता। उत्पादकता में वृद्धि। भारत
से गरीबी खत्म करने में सहायक। भारतीयों में छिपी हुई योग्यता को बढ़ावा देने में
सहायक। राष्ट्रीय आय के साथ-साथ प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि। लोगों की जीवन
निर्वाह आय में वृद्धि। भारतीयों के जीवन स्तर में सुधार। प्रधानमंत्रीजी ने कहा
था “मैं भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के
लिये पूरे राष्ट्र को प्रतिज्ञा करने के लिये आह्वान करता हूँ।” आज लगभग 20 लाख युवाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत
प्रशिक्षित किया जा चूका है | दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना में 3 लाख से
अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया और लगभग 2 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त है |
Ø स्टार्टअप इंडिया : इस योजना के तहत
नये छोटे-बड़े उद्योगों को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जाता है जिसमे
ऋण सुविधा, उचित
मार्गदर्शन एवं अनुकूल वातावरण आदि को शामिल किया गया हैं| इसके तहत जरुरी कौशल विकास प्रशिक्षण भी दिया जाएगा| इस योजना का मुख्य उद्देश्य उद्यमशीलता को बढ़ावा देना हैं
जिससे देश में रोजगार के अवसर बढ़े|
Ø
स्टैंडप
इंडिया : ‘स्टैंड अप
इंडिया’ योजना का मकसद अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिलाओं को 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये के बीच कर्ज देकर इन वर्ग के
लोगों को उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है |
2. गाँव और किसान :
Ø
संसद ग्राम
योजना : 11 अक्टूबर 2014 को
प्रारंभ की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) का उद्देश्य गांवों और वहाँ के लोगों में उन मूल्यों को स्थापित करना है
जिससे वे स्वयं के जीवन में सुधार कर दूसरों के लिए एक आदर्श गांव बने।
Ø
दीनदयाल
उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना : भारत गांवों का देश है इसकी आत्मा गांवों में बस्ती
है | इस योजना का एक मात्र उद्देश्य गाँवो को अँधेरे से उजाले की और ले जाना ।
लगभग 7,779 गांवों का विधुतीकरण हो चूका है और अगले 1000
दिन में 18,500 गाँवो का विधुतीकरण होना है |
Ø
ग्राम सड़क
योजना : पिछले दो सालो में
प्रतिदिन 100 किलोमीटर ग्रामीण सड़के बनाई गई | 2019 तक लगभग 2 लाख किलोमीटर तक
सड़कों का निर्माण कर छोटे से छोटे गाँव को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य है |
Ø
फसल बीमा योजना : किसानों के लिए सबसे कम प्रीमियम दर और पूर्ण सुरक्षा का
प्रावधान है। बीजेपी ने दावा किया कि आजादी के बाद से केवल 20 फीसदी किसानों को अब
तक बीमा के तहत कवर किया गया है और अगले 3 साल में 50 फीसदी कवरेज का लक्ष्य
निर्धारित किया गया है।
Ø
प्रधानमंत्री
कृषि सिचाई योजना : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई
योजना को मिशन की तरह लागू कर 28.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई के तहत लाया जाएगा
जिसका लक्ष्य ‘हर खेत को पानी’ सुनिश्चित करना है।
Ø
नीम कोटिंग
यूरिया : नीम कोटेड यूरिया सामान्य
यूरिया की तुलना में ज्यादा प्रभावी भी होती है | पहले 35 प्रतिशत नीम कोटेड यूरिया
बनाने की अनुमति थी अब सरकार ने इसे 100 प्रतिशत बनाने की अनुमति दे दी है | इसके
माध्यम से मिट्टी को सुरक्षा भी प्रदान होगी क्योंकि नीम प्राकृतिक कीटनाशक के रूप
में कार्य करेगा । इससे नाइट्रोजन रिलीज में धीमापन आयेगा और इसके कारण मिट्टी की
उत्पादक क्षमता में सुधार होगा। इसके साथ ही कृषि उत्पादन में 15-20 प्रतिशत
वृद्धि होने की संभावना है। यूरिया का उपभोग घटेगा और इससे सरकार के अनुदान बिल
में भी बचत होगी ।
Ø
सोइल हेल्थ
कार्ड योजना : मिट्टी की उर्वरता की
स्थिति एवं अन्य महत्वपूर्ण मापदंड की जानकारी हेतु इस योजना की शुरुआत की गई | अब
किसान अपनी मिटटी की जाँच करवा कर फसलों की उत्पादकता में वृद्धि ला सकते है | इसके तहत 1.84 करोड़ कार्ड वितरित किया गया है और मार्च 2017 तक सभी 14 करोड़ खेत कवर करने का
लक्ष्य है।
Ø
3. गरीब और मजदूर:
Ø
प्रधानमंत्री
जन धन योजना : पीएमजेडीवाय का
उद्देश्य भारत के नागरिकों को बुनियादी वित्तीय सेवाएं जैसे बैंक खाते और डेबिट
कार्ड मुहैया कराना है । इस योजना से देश के सभी वर्ग के नागरिकों को सरकार के सभी
वित्तीय सेवाओं का लाभ मिल रहा है | इसके तहत लगभग 21.83 करोड़ खाते खोले जा चुके
है जिसमे लगभग 37,616 करोड़ रुपय से अधिक रकम जमा की जा चुकी है | लोगों के पेंशन, गैस
सब्सिडी फसल और मनरेगा के पैसे सीधे खाते में आते है |
Ø
प्रधानमंत्री
सुकन्या समृधि योजना : बेटियों के बेहतर भविष्य
के लिए 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की गई | माता-पिता अपनी 10 साल तक की दो
बेटियों के लिए अकाउंट ओपन कर सकते हैं | सुकन्या स्कीम में हर साल न्यूनतम 1000 रुपए और अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक जमा कर सकते हैं | 91
लाख खाता खोला गया जिसमे 6510 करोड़ रूपये जमा हुए |
Ø
प्रधानमंत्री
उज्ज्वला योजना : 1 करोड़ से भी अधिक लोग
अपना गैस सब्सिडी छोड़ देते है, उन धुएं
में जी रहे गरीब परिवार को उज्ज्वला योजना से जोड़ने हेतु और 5 करोड़ गरीब परिवारों
को मुफ्त गैस कनेक्शन पहुँचाने की शुरुआत हुई है |
Ø
अटल पेंशन
योजना : कम लागत पर दी जाने वाली पेंशन योजना हैं यह पेंशन असंगठित एवम छोटे क्षेत्रों
में कार्य करने वाले लोगो को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने हेतु लॉन्च की गई हैं | अटल
पेंशन योजना के जरिए 1,000 रुपए से लेकर 5,000 रुपए प्रति माह पेंशन का लाभ ले सकते हैं। यह 60 साल से अधिक की आयु वाले लोगो के लिए की
जाने वाली आर्थिक मदद हैं जिसे वे खुद अपनी जवानी में अर्जित करेंगे | इसमें लाभार्थी के
प्रीमियम का 50% 5 साल तक सरकार देगी | अभी तक लगभग 26 लाख से अधिक लोगो का
पंजीकरण हो चूका है |
Ø
प्रधानमंत्री
जीवन ज्योति योजना : 330 रुपए प्रतिवर्ष की
प्रीमियम राशी पर 2 लाख तक का मृत्यु कवरेज है | अब तक लगभग 2.96 करोड़ लोगों ने बीमा
कराया है |
Ø
प्रधानमंत्री
सुरक्षा बीमा योजना : 12 रुपए प्रीमियम राशी पर
धारक को 2 लाख रुपए का दुर्घटना कवर मिलता
है | अब तक लगभग 9 करोड़ लोगों ने बीमा कराया है |
Ø
श्रमेव जयते :
पहले देश में लाखों श्रमिकों को 15 से 100 रूपये तक हीं
प्रतिमाह पेंशन मिलती थी | इस सरकार ने लगभग 30 लाख से अधिक श्रमिको का पेंशन बढ़कर
1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया है |
4. शिक्षा और स्वास्थ्य :
Ø
“मिशन
इंद्रधनुष” के जरिए करीब 1.60 करोड़ बच्चों को टीकाकरण के दायरे में लाया गया है. सस्ती
दवाएं उपलब्ध कराने के लिए एम्स समेत कई अस्पतालों में अमृत स्टोर खोलने का फैसला
किया. इस योजना के तहत महंगी दवाएं आधे से भी कम दाम में मिल रही है.
Ø
500 दवाओं,
चिकित्सकीय उपकरणों व दूसरे चिकित्सीय उपभोज्यों के दाम कम किए हैं। उचित कीमतों पर दवाएं उपलब्ध
कराने वाले “जन औषधि” स्टोर की संख्या बढ़ाकर
3,000 कर दी गई है जो कि 2014 में लगभग 100 थी।
Ø
जहाँ “स्वयं” एक
ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने वाली योजना है वहीँ “उडान” जैसी योजना जो इंजीनियरिंग
कॉलेजो की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए बोर्ड ऑनलाइन संसाधन उपलब्ध करती है |
इस योजना का मकसद देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्राओं के घटते
अनुपात को कम करना है | प्रतिवर्ष एक हजार छात्राओं की मदद मिल रही है | योजना के
तहत 50 फीसद सीटें एससी-एसटी व बैकर्वड कैटेगरी की छात्राओं के लिए है |
5. निर्माण और सम्मान :
Ø सरकार ने रेलवे में काम करने के पुराने तरीकों को तोड़ा है।
रेल यात्रियों के लिए वाई-फाई, यात्री हेल्प लाइन 138, सुरक्षा हेल्प लाइन 182, ई-
कैटरिंग, स्वच्छता, बुलेट ट्रेन, तथा रेल लाइन के विस्तार जैसे कई अभूतपूर्व काम
हुए है |
Ø सड़क और हाइवे पर इस दौरान काफी काम हुआ है। 2015-16 में
6,029 किलोमीटर निर्माण कार्य हुआ। 2014-15 में यह आंकड़ा 4,340 किलोमीटर था यानी
करीब 39 प्रतिशत अधिक कार्य हुआ।
Ø प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विदेश नीति को एक नई ऊँचाइयों
पर ले गए है | अमेरिका, यूरोपीय देश, रूस, चीन, जापान, जैसे देशों के साथ संबंध
में सुधार के साथ साथ सभी पडोसी देश के साथ संबंध में सुधार हुआ है | योग दिवस के
प्रस्ताव पर 177 देश एक साथ समर्थन में आयें थे | एक ऐसा प्रधानमंत्री जिसका लोहा
पूरा विश्व मान रहा है |
गाँव, गरीब,
किसान, मजदूर, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, बिजली, शोचालय, सड़क से लेकर “मेक इन
इंडिया” से डिजिटल इंडिया हो चाहे स्वच्छ भारत अभियान हो, या बेटी बचाओ बेटी पढाओ
अभियान, जैसी अनेको योजनाये जो भारत को सशक्त बनाने वाली है जिसकी शानदार कल्पना महलो में पैदा होने वालों से कहीं
ज्यादा चाय बेचने से प्रधानमंत्री तक के सफ़र वाला व्यक्ति हीं कर सकता है |
किन्तु इन सब
के बावजूद संवाद में बाध्यता के कारण सरकार की नीतियों को सरल तरीके से नीचे तक पहुँचाना
एक चुनौती है | कुछ ऐसे युवा मिलते है जो पूछते है मुद्रा योजना क्या है ? कैसे
लाभ प्राप्त करना है ? किस तरीके से इसके लिए प्रयास करना है ? कभी–कभी खबरे आती
है कि जिस सोंच से स्टार्टअप, स्टैंडप और मुद्रा जैसी योजनाओं की शुरुआत हुई है
उस सोच के साथ ईमानदारी से उसका
क्रियान्वयन नहीं हो रहा है | इसके लिए एक ईमानदार सरकार को, उस दल को और उसके
कार्यकर्ताओं को पुरे देश में अपने संवाद को पारदर्शी और मजबूत करना होगा |
मै यह नहीं
कहता कि पिछली जितनी भी सरकारें थी उनकी नीतियाँ खराब थी किसी भी सरकार की अपनी नीति
होती है वह नीति अपने नियम के अनुसार चलती है, परन्तु किसी भी नीति की सफलता, नियम पर कम नियत पर ज्यादा निर्भर करती है | “ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है” मोदी सरकार ने अपनी शुरुआत इसी नीति के साथ की है,
इसलिये माननीय प्रधानमंत्री जी अपने 56 इंच के सीना को ठोक कर कहते है कि 2 साल
में हमारे सरकार में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ | हालाकि कोई शासक या उसके शासन का
ईमानदार होना, उपलब्धि नहीं है उसका कर्तव्य है | किन्तु बेईमानी के साये से गुजर रहे देश को ईमानदारी प्रासंगिक है | “सेवा के लिए सत्ता” और “सत्ता
के लिए सेवा” में केवल शब्दों का हेर फेर नहीं है, एक राष्ट्र निर्माण का कारक है तो दूसरा राष्ट्र के पतन का । एक चाय बेचने
वाले के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री तक के सफ़र की कहानी बहुत लबी है | एक ऐसा
“त्यागी योद्धा” जो अपने घर का त्याग कर राष्ट्र की सेवा हेतु तप करता है, एक चाय
बेचने वाले ने उस समय क्र्ल्पना न की होगी कि वह देश का प्रधानमंत्री बनेगा,
किन्तु राष्ट्र के नाम समर्पित इस सपूत ने ईमानदारी से अंदर-बाहर अपने-पराये सभी
समस्याओं से लड़ते हुए राष्ट्र सेवा हेतु अपने को तपाता रहा यही वजह है कि लोकतंत्र
के देवों ने “विजयी भव” का आशीर्वाद दिया | देश को एक ऐसा नेता कई वर्षों के बाद
मिला जिसके एक आह्वाहन पर करोड़ो सक्षम हाथ अक्षम की मदद हेतु उठते है | वह जनभागीदारी
से देश चलाना चाहते है, जनभागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए हीं mygov.in एक बहुत बड़ा माध्यम बना है | आपने जिस विश्वास की राजनीति की शुरुआत की थी
वो आज विकास पथ पर अग्रसर है, और न जाने कितनी उम्मीदे सिर उठाये आप में अपना भविष्य देख
रही है ।